The Last Lesson Class 12 की किताब Flamingo का पहला अध्याय है, इसके लेखक Alphonse Daudet है. इस कहानी में हमें अपनी भाषा और उसे सीखने के महत्व के बारे में बताया गया है. इस Summary में The Last Lesson के सबसे महत्वपूर्ण Word Meaning (in Hindi) के साथ MCQ शामिल है । Summary पढ़ लेने के बाद आप अपनी knowdlege को check करने के लिए 18 MCQ question जरूर answer करें ।
कहानी Franz द्वारा सुनाई गई है और यह उसके अंतिम फ्रेंच पाठ के बारे में है। इस अध्याय में, आपको पता चलेगा कि उस दिन ऐसा क्या हुआ था, अपनी भाषा जानने का महत्व, और यह एक फ्रांसीसी शिक्षक के रूप में M. Hamel का अंतिम दिन क्यों था?

Writer-
“My imagination doesn’t require anything more of the book than to provide a framework within which it can wander.”
Introduction
The Last Lesson को फ्रांसीसी उपन्यासकार Alphonse Daudet ने लिखा है, जिनका जन्म 1840 में हुआ था और उन्होंने खुद France और Prussia के बीच युद्ध देखा था। पाठ France और Prussia के बीच युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित है और यह भाषाई रूढ़िवाद के विषय पर प्रकाश डालता है।
The Last Lesson Summary in Hindi

यह Alsace में किसी भी सामान्य दिन की तरह था, लेकिन Franz उस दिन स्कूल के लिए लेट हो चुका था। अपने रास्ते में, वह उन चीजों के बारे में सोच रहा था जो वह स्कूल जाने के बजाय कर सकता था जैसे पक्षियों को जंगल में देखना या फिर सोल्जर्स को ड्रिलिंग करते हुए देखना। वह स्कूल जाने से डर रहा था क्योंकि वह जानता था कि उसके शिक्षक M. Hamel Participles पर सवाल पूछेंगे।
जब वह टाउन हॉल के पास से गुजरा तो उसने बुलेटिन बोर्ड के सामने भीड़ देखी और वह सोचने लगा कि क्या बात हो सकती है? बुलेटिन बोर्ड को पढ़ने वाले लोहार, Wascher ने उससे कहा कि इतनी जल्दी मत जाओ , तुम अपने स्कूल समय से पहुंच जाओगे। Franz ने सोचा कि वह उसका मजाक उड़ा रहा था ।
आमतौर पर, छात्रों द्वारा एक साथ पाठ दोहराने, टेबल खोलने और बंद करने, और अन्य आवाजों के कारण स्कूल में बहुत शोर होता था। लेकिन उस दिन जब Franz स्कूल पहुंचा तो सब कुछ बहुत शांत था और वह किसी को बिना दिखे अपनी सीट पर नहीं जा सका।

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Franz अपनी सीट पर जाने के लिए बहुत भयभीत था क्योंकि उसने सोचा था कि वह M. Hamel द्वारा डांटा जाएगा, लेकिन जब उसने कक्षा में प्रवेश किया तो M. Hamel ने उसे अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा। जैसे ही वह बैठा उसने देखा कि उसके शिक्षक ने अपने सुंदर हरे रंग का कोट, फ्रिल्ड शर्ट और काली कढ़ाई वाली टोपी पहनी हुई थी जिसे वह केवल निरीक्षण और पुरस्कार बांटने के दिनों में पहना करता था।
जब Franz ने बैकबेंच पर देखा तो वहां बूढ़ा Hauser, (जो एक पुराना Primer साथ लाए थे) पूर्व मेयर, पूर्व पोस्टमास्टर, और कई अन्य लोग बैठे थे। वह इस सब के बारे में सोच ही रहा थारहा था कि उसी समय एम हेमल ने कहा कि यह एक फ्रेंच शिक्षक के रूप में उनका आखिरी दिन था। उन्होंने बताया कि Berlin से एक नया आदेश आया है और अब Alsace और Lorraine के स्कूलों में केवल जर्मन भाषा को पढ़ाया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि नए जर्मन के शिक्षक कल आने वाले हैं। Franz यह सुनकर हैरान रह गया और अब उसे समझ में आया कि हर कोई टाउन हॉल में इस नए आदेश के बारे में ही पढ़ रहा था।

अब Franz को गहरा अफसोस हो रहा था कि यह उसका आखिरी फ्रेंच का पाठ था। हालांकि फ्रेंच उसकी मातृभाषा थी फिर भी वह इसे पढ़ या लिख नहीं पा रहा था।
फिर उसने अतीत के बारे में सोचा जब उसने फ्रेंच को कोई महत्व नहीं दिया था । अबअपनी इतिहास और व्याकरण की पुस्तकें छोड़ देने का ख्याल उसे सताने लगा । क्योंकि अब M. Hamel दूर जा रहे थे इसलिए Franz ने उन्हें उनके सख्त तौर तरीके के लिए भी माफ कर दिया।
Franz अपने शिक्षक के लिए बहुत दुखी महसूस कर रहा था। अब वह जानता था कि उसके अध्यापक ने आखिरी पाठ के सम्मान में अपने विशेष कपड़े पहने थे और सभी गांव वाले वहां उन्हें सम्मान देने के लिए वहां बैठे थे।
थोड़ी देर के बाद Franz की बारी थी कि वह Participles पर सवाल का जवाब दे। Franz चाहता था कि वह बिना रुके प्रश्न का उत्तर दे सके परंतु वह बीच में रुक गया और सिर झुका कर अपनी सीट पर खड़ा रहा।
तब M. Hamel ने उसे बताया कि वह उसे डांटने नहीं वाला क्योंकि वह जानते थे कि Alsace में लोग हमेशा सीखने को कल पर टालते रहे हैं और उन्हें इसके लिए खुद को दोषी मानना होगा।
उन्होंने कहा कि Prussia के लोग हमसे इस बारे में सवाल करेंगे कि हम खुद को फ्रेंच कैसे कह सकते हैं, जब हम अपनी भाषा को सही ढंग से बोल या लिख भी नहीं सकते ?
तब उन्होंने कहा कि इसमें Franz के माता पिता एवं खुद M. Hamel का भी दोष था क्योंकि उन्होंने उसे अन्य चीजें करने के लिए भेजा था जब उसे पढ़ना चाहिए था।
फिर उन्होंने अपनी स्पष्टता और तर्क के लिए फ्रेंच भाषा की प्रशंसा की और बताया कि भाषा कैसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गुलाम लोगों के लिए भाषा एक चाबी के समान है जिसे वह अपनी स्वतंत्रता पाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। जब तक आदमी अपनी भाषा से जुड़ा रहता है उसके पास अपनी आजादी की चाबी होती है।
उसके बाद उन्होंने व्याकरण की किताब से एक पाठ पढ़ना शुरू किया Franz यह देखकर आश्चर्यचकित हो गया कि उसे यह पाठ कितने स्पष्ट रूप से समझ आ रहा था।
ऐसा लग रहा था कि एम हेमल चाहते थे कि वह उस एक पाठ में अपना सारा ज्ञान बांट दें। व्याकरण के बाद, बच्चों ने नई किताबों पर लिखना शुरू कर दिया जो उन्हें M. Hamel ने ला कर दी थी और जिस पर बहुत खूबसूरती से France,Alsace- लिखा हुआ था।
अब हर कोई लिखने में इतना व्यस्त था कि उन्होंने कुछ बीटल्स और कबूतरों पर भी ध्यान नहीं दिया। Franz सोच रहा था कि क्या Prussia के लोग कबूतरों से भी जर्मन में गवाएंगे ?
Franz ने देखा कि M. Hamel एकदम स्थिर बैठकर कक्षा में सब कुछ देख रहे थे। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अपने दिमाग में सब कुछ बसा लेना चाहते थे क्योंकि अगले दिन उन्हें देश छोड़ना था और उनकी बहन ऊपर कमरे में ट्रंक पैक कर रही थी।
लिखने के बाद उन्हें इतिहास का पाठ पढ़ना था, अब बूढ़ा Hauser खड़ा हुआ और उसने चश्मा पहन लिया और Primer पढ़ना शुरू कर दिया, जबकि उसकी आंखें आंसुओं से भरी थीं और उसकी आवाज कांप रही थी । कमरे में हर कोई एक ही समय में हंसना और रोना चाहता था।
जैसे ही 12 बजे एक ही समय में प्रार्थना और Prussian सैनिकों की ड्रिलिंग की आवाज़ आने लगी। M. Hamel खड़े हुए और बोलने लगे। ऐसा लग रहा था कि उनका गला घुट रहा था और वह एक शब्द भी नहीं बोल पा रहे थे। इसलिए उन्होंने ब्लैकबोर्ड की ओर रुख किया और चाक का एक टुकड़ा लिया और जितना बड़ा हो सकता है लिखा – “Viva La France!” । फिर वह दीवार के सहारे झुक गए और अपने हाथ से एक इशारा किया कि “क्लास खत्म हो गई है – आप जा सकते हैं।”
Conclusion
अध्याय का मुख्य विषय है कि लोग कैसे पीड़ित होते हैं जब उनकी भाषा को उनसे दूर ले जाया जाता है क्योंकि उनकी भाषा उनकी पहचान और स्वतंत्रता का एक हिस्सा है। पूरे अध्याय में, यह देखा जाता है कि किस तरह से Alsace के लोग यह बात स्वीकार करने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी भाषा उनसे ले ली गई है।
अध्याय का उप-विषय वह दृष्टिकोण है जो सीखने के प्रति शिक्षक और छात्र दोनों द्वारा लिया जाता है। हम देख सकते हैं कि Franz और M. Hamel दोनों किस तरह से सीखने को कल पर डालते थे और उसमें लापरवाही बरतते थे लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि अब Alsace और Lorraine के स्कूलों में फ्रेंच नहीं पढ़ाई जाएगी तो वह मायूसी और पश्चाताप से भर जाते हैं।
The Last Lesson Summary in Hindi-
Word Meaning
- Participles – व्याकरण का एक विषय
- Drilling – सैन्य अभ्यास करने का एक तरीका
- Apprentice- हुनर-विशेष सीखने के लिए कम वेतन पर काम करने को तैयार व्यक्ति; प्रशिक्षु
- Bustle- लोगों और शोर से भरा होना
- Unison- एक साथ
- Rapping – किसी हार्ड ऑब्जेक्ट को कई बार तेज़ी से हिट करने के लिए
- Commotion – शोर या उत्साह
- Blushed – शर्मिंदा महसूस होने पर चेहरे का लाल हो जाना
- Fright – अचानक भय का अनुभव होना
- Solemn – गंभीर
- Hauser – एक बूढ़ा किसान
- Primer – एक छोटी सी किताब
- wretches- दर्द और पीड़ा
- Reproch – किसी को दोष देना
- Round Hand – एक प्रकार की लिखावट
- Hopvine – होप पौधे का तना
- Twined – कई बार किसी चीज के चारों ओर लपेटना
- Angelus – एक कैथोलिक प्रार्थना
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गुलाम लोगों के लिए भाषा एक चाबी के समान है जिसे वह अपनी स्वतंत्रता पाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। जब तक आदमी अपनी भाषा से जुड़ा रहता है उसके पास अपनी आजादी की चाबी होती है।
लोग कैसे पीड़ित होते हैं जब उनकी भाषा को उनसे दूर ले जाया जाता है क्योंकि उनकी भाषा उनकी पहचान और स्वतंत्रता का एक हिस्सा है।
in dono paragraph se hume bahut kuchh seekhne ko mil sakta hai
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